मुबाशिरत करने के उसूल

मुबाशिरत करने के उसूल :-

मुबाशिरत दिन हो या रात हर वक्त की जा सकती है । मगर ज्यादा अच्छा है कि दिन के बजाये रात में ही मुबाशिरत की जाये । जिस रात में मुबाशिरत करना हो तो ज्यादा बेहतर है कि दिन में पहले इसका जिव्रâ मियां-बीवी कर लें और अपनी गंदगी के मुकामात को साफ कर लें और बीवी पहले से ही अपनी तैयारी कर ले ताकि शौहर के जज्बात के साथ वह भी अपनी ख्वाहिश पुरी कर ले जिस से इंजाल होने में औरत को आसानी हो क्योंकि इंजाल भी दिल और दिमाग के जज्बे के साथ जल्दी होता है । जिस रात में मुबाशिरत किया जाये तो अधिक अच्छा है कि दिन में थोडा आराम कर लिया जाये ताकि रात को नींद की वजह से जज्बात में फकै न आये ।

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