पोशीदा राज|Poshida Raj

पोशीदा राज :-

जिस तरह हमल ठहरने के लिए औरत मर्द का मुबाशरत करना जरुरी है उसी तरह मर्द के आला-तनासल में सख्ती के साथ इंतिशार (फडफडाहट) होना भी जरुरी है । क्योंकि खुदा ने इंसान के जिस्म में सिर से लेकर पैर तक नसों की जाल बिछा दिया है इन सबका ताल्लुक मर्द के आला-तनासल से जुडा हुआ है अगर आप ध्यान दें कि अगर कोई बात जोश पैदा करने वाली देखने या सुनने में आती है या सोची जाती तो दिमाग में फौरन हरकत पैदा हो जाती है और आला-तनासल में उसी लम्हा एक खास हरकत शुरु हो जाती है । अगर तंदुरुस्त मर्द है तो उसका आला-तनासल तब तक तनाव में रहेगा जब तक कि या तो मनी बाहर न निकल जाये या दिमाग से वे ख्याल बाहर न निकल जाये और जब मनी बाहर निकल जाती है तो मर्द एक तरह का इत्मिनान महसूस करता है । इसलिए कि मनी के निकलने ही रग और पठ््ठे अपना काम करना बंद कर देते है , तनाव ठंडा होकर आला-तनासल की सख्ती को खत्म कर देता है और इस तरह थकान से नींद आने लगती है इसीलिए कहते हैं कि मनी का निकलना नींद लाता है ।

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