यह हदीसे पाक सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम है :-

यह हदीसे पाक सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम है :-

यह हदीसे पास सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम है कि अल्लाह पाक उन औरतों पर रहम फरमाता है जो अपने शौहर को देखकर मुस्कूरायें । इसी तरह अल्लाह तआला रहम फरमाता है कि उस शख्श पर जो अपनी बीवी को देखकर मुस्कूराता है । बीवी को देखकर मुस्कूराना रसुल सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम की सुन्नते करीम है यह सब सामान मियां बीवी में मुहब्बत बढाने का है । और जिनाकारी हरामकारी से बचने का है । बहरहाल खास कर इस जमाने में औरत (बीवी) हुस्न जमाल वाली होनी चाहिए और लडकी (बीवी) शौहर से उम्र्र मे कम ही होनी चाहिए बेहतर है की लडके की उम्र भी लडकी के उम्र्र से बहुत ज्यादा न हो इसलिए कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम ने अपनी बेटी हजरत फातिमा रजि. अन्हा को अबु बव्रâ व उमर रजि. तआला अन्हुमा के निकाह में उनकी चाहत पर भी नहीं दिया क्योंकि उन दोनों बुजुर्ग तरीन सहाबा की उम्र शरीफ हजरत फातिमा रजि. तआला अन्हा की उम्र से ज्यादा थी । फिर आप सल्लल्लाहु अलैहीवस्सलम ने उम्र्र के तकाजे के मुताबिक हजरत फातिमा रजि. को हजरत अली रजि. तआला के निकाह मे दिया ।

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