मुबाशिरत के आदाब व उसूल :
हमबिस्तरी या मुबाशिरत के लिए साफ सुथरी जगह राहत व आराम देने वाली जगह सोने व रात गुजारने के लिए तय करे । और बेहतर यह है कि खुशबू या इत्र का इस्तेमाल करें क्योकि इससे दिल और दिमाग की ताजगी बढकर मुबाशिरत की ख्वाहिश को बढावा मिलता है । इत्र व खुशबू दिल व दिमाग का आराम पहुंचाने में बेहतर साबित होती है तथा मुबाशिरत की जगह पर किसी के आने-जाने का खतरा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे जोश व लुत्फ मेंं कमी आती है और पुरी आजादी से वह वक्त गुजारना चाहिए ।
औरत को चाहिए कि पुरे सिंगार के साथ साफ-सुथरी होकर मुबाशिरत की जगह हाजिर हो फिर मर्द को चाहिए कि पहले कुछ देर थोडी मीठी व नमकीन नर्म नर्म प्यार की बाते करे और आपस में हंसी मजाक और बोसो-कनार, चुम्बन करते हुए प्यार मुहब्बत बढाने वाली अदाएं और अंदाज से एकदूसरे की तरफ दिल मायल हो ताकि उस मौके को खुशगवार बनायें जिससे दिल से दिल को राहत मिले और मियांं बीवी के दरम्यान हमबिस्तरी की उमंग बढे । अक्लमंद औरत को चाहिए मुबाशिरत से पहले ठंडे पानी से शर्मगाह को धो ले, ताकि औरत की शर्मगाह सिकुड जाये और उसके बाद शर्मगाह की जगह से पानी को पोंछ कर खुश्क कर ले ओर इत्र या खुशबू उस जगह पर लगा लें और बिस्तर पर आ जाये और फिर खास काम को पुरा करने में मशगूल हो जाये ।
0 Comments