मुबाशिरत के कानून का बयान

मुबाशिरत के कानून का बयान :-

औरत मर्द के आपस में अपनी नफसानी जरुरत को पूरा करने को मुबाशिरत , हमबिस्तरी, जिमाअ, वगैरह अलग-अलग नामो से पुकारते है । मगर हम अपनी इस किताब मे मुबाशिरत ही इस्तेमाल करेंगे जिसके मायने है: खालों का आपस मे मिल जाना । मर्द औरत केआपस में मिलाप को मुबाशिरत इसलिए कहते है कि यह तबई (कुदरती) अमल है । लेकिन मुबाशिरत के लिए उम्र्र और हद है । उसूल के साथ मुबाशिरत करने से इंसान बहुत सी बिमारीयों से बचा रहता है और बेउसूली के साथ मुबाशिरत करने से वह बेशुमार बीमारीयों में फंस जाता है और उसके नुक्सानात भी बहुत होते है ।

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