मुबाशिरत कितने दिनों में करना चाहिए :
मुबाशिरत के वक्त की ज्यादती को तो तय नही कर सकते । जैसे कि हम पहले लिख चुके है कि हर आदमी में यह बर्दाश्त की ताकत अलग अलग होती है इसलिए हर शख्स को अपनी अपनी मर्दानगी का ख्याल रखना चाहिए। मुबाशिरत के लिए कब किस वक्त कितने दिनों के बाद हमबिस्तरी करना बेहतर होगा यह बात हिकमत के तौर पर इतनी कही जा सकती है कि जब तबीयत में जोर हो जाए और मर्द के अजू मेंं तनाव बढ जाये और अपने आप जोश पैदा होने लगे तो जान लेना चाहिए कि मुबाशिरत का यही वक्त मुनासिब है अगर आदमी इस अंदाजे के साथ मुबाशिरत करता रहेगा तो लंबी उम्र तक इस के लुत्फ में गुजारता रहेगा । और इससे मायूस नहीं होगा ।
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